आज कोरोना काल में हम सबने ऑक्सीजन के
महत्व को जाना, लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी
पडी, कितनो ने तो अपने प्राण त्याग दिये, यह नजारा आम था हमारे समाज में। जो पेड़
हमें मुफ्त में ऑक्सीजन देते है छाया, फुल, फल देते है, इस पेड़-पौधे, पर्यावरण के
प्रति अगर हम अब भी नहीं जागे तो समाज के सबसे बड़े दुश्मन हम खुद होंगे। पेड़ों का
महत्व समझों। विश्व भर में 5 जून पर्यावरण के प्रति जनजागृति के लिए “विश्व पर्यावरण
दिवस” मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘इकोसिस्टम रीस्टोरेशन' है. जंगलों को नया
जीवन देकर, पेड़-पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और जल संसाधनों के
निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से संग्रहित कर सकते हैं. वन नीति,
1988 के अनुसार भूमि के कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत भाग वन-आच्छादित होना चाहिए।
तभी प्राकृतिक संतुलन रह सकेगा, किंतु सन 2001 के रिमोट सेंसिंग द्वारा एकत्रित
किए गए आकड़ों के अनुसार देश का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है। इनमें वन
भाग 6,75,538 वर्ग कि.मी. है, जिससे वन आवरण मात्र 20 प्रतिशत ही होता है और ये
आंकड़े भी पुराने हैं।
भारतीय वन स्थिति सर्वेक्षण रिपोर्ट
2017 अनुसार वन क्षेत्र के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में है। भारत
के भू- भाग का 24.4 प्रतिशत हिस्सा वनों और पेड़ों से घिरा है, हालांकि यह
विश्व के कुल भू-भाग का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा ही है ऐसा तब है जबकि बाकी
9 देशों में जनसंख्या घनत्व 150 व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर है और भारत में यह 382
व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर है और इन पर 17 प्रतिशत मनुष्यों की आबादी व मवेशियों
की 18 प्रतिशत संख्या की जरूरतों को पूरा करने का दवाब है।
नेचर जर्नल की रिपोर्ट अनुसार तो आपको
अन्दाजा लग जाएगा कि हम जिस टिकाऊ विकास की बात करते हैं वो सब निरर्थक और निष्फल
है। रिपोर्ट का दावा है कि हम हर साल लगभग 15.3 अरब पेड़ खो रहे हैं। प्रतिवर्ष एक
व्यक्ति पर सन्निकट दो पौधे का नुकसान हो रहा है। इन सबके मुकाबले विश्वभर में
मात्र 5 अरब पेड़ लगाए जाते हैं। सीधे तौर पर हमें 10 अरब पेड़ों का नुकसान हर साल
उठाना पड़ता है। रिपोर्ट में भारत के हिस्से के आँकड़ों पर नजर डालें तो और भी हैरान
कर देने वाले तथ्य सामने आते हैं। विश्व में प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या 422 है
जबकि भारत के एक व्यक्ति के हिस्से मात्र 8 पेड़ नसीब होते हैं। 35 अरब पेड़ों वाला
भारत कुल पौधों की संख्या के मामले में बहुत नीचे है। सबसे ज्यादा 641 अरब पेड़ों
के साथ रशिया है। कनाडा में 318 अरब तो ब्राजील में 301 अरब पेड़ हैं। वहीं अमेरिका
228 अरब पेड़ों के साथ चौथे पायदान पर है, भारत में स्थिति भयावह है। मेडिकल जर्नल
द लांसेट में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, 2015 में प्रदूषण से होने वाली दुनिया भर
की 90 लाख मौतों में भारत में अकेले 28 प्रतिशत लोगों को जान गँवानी पड़ी। प्रदूषण
से हो रही मौतों के मामले में 188 देशों की सूची में भारत पांचवें पायदान पर आता
है।


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