जीवन विकास का मुख्य आधार शिक्षा और उस शिक्षा की मुख्य आधारशिला पुस्तकालय होते है, शिक्षा को सक्षम बनाने में विकसित पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। विश्वभर में पुस्तकालयों ने बेहतर विकास किया है, अब ई-पुस्तकें और सभी प्रकार के ई-साहित्य इंटरनेट के द्वारा हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते है। डिजिटल व वर्चुअल पुस्तकालयों की मांग लगातार बढ़ रही है। हमारे देश के अनेक उच्च शिक्षा संस्थान, महंगे निजी शिक्षा संस्थान भी पुस्तकालयों को बेहतर ढंग से विकसित कर पाठकों को सर्वश्रेष्ठ सेवा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। सरकार भी शिक्षा और पुस्तकालयों के विकास के लिए सहायता कर रही है, फिर भी जनसंख्या और आवश्यकतानुरूप उन्नत पुस्तकालयों के मामले में हम काफी पिछड़े हुए है। आज के आधुनिक युग में तकनीकी रूप से बेहद नवीनतम संसाधनों का उपयोग पुस्तकालयों में किया जा रहा है, ताकि पाठकों को बेहतर सुविधाओं का लाभ कम समय में सहज मिल सकें। अभी एआई क्रांति शुरू हुई है, जिसने पुस्तकालयों को भी प्रभावित किया है, अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग पुस्तकालयों को उन्नत बनाने में हो रहा है।
देश में पुस्तकालय विज्ञान क्षेत्र के पितामह कहलानेवाले पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथनजी की जयंती 12 अगस्त को “राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस” के रूप में मनाई जाती है। पुस्तकालयों का बेहतर विकास, सेवासुविधा और प्रत्येक पाठक और पुस्तक तक सहज पहुंच पुस्तकालय के न्यायसंगत नीति का निर्धार है। पद्मश्री डॉ. एस. आर. रंगनाथनजी द्वारा दिए गए पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियमों का कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा बेहतर ढंग से पालन किया जा सकता है। पुस्तकें उपयोग के लिए होती हैं, प्रत्येक पाठक को उसकी पुस्तक मिलनी चाहिए, प्रत्येक पुस्तक को पाठक मिलना चाहिए, पाठकों का समय बचना चाहिए और पुस्तकालय एक विकासशील संस्था है। ये नियम पुस्तकालयों की सुलभता, उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और उनके विकासशील स्वरूप के महत्व पर ज़ोर देते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता इन पाँच नियमों का बखूबी पालन कर सकती है।
आज के सूचना युग में हर पल डेटा का ज्ञानरूपी विस्फोट हो रहा है, उस ज्ञान का अत्यल्प समय में योग्य पाठक तक पहुंचना बेहद आवश्यक होता है, इसलिए अब तकनिकी संसाधनों पर निर्भरता बढ़ गयी है। बहुत से क्षेत्रों में अब एआई का उपयोग बेहद प्रभावशाली ढंग से किया जा रहा है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता सूचना क्षेत्र में बदलाव ला रही है और पुस्तकालयाध्यक्षों के पारंपरिक कार्य को नया रूप दे रही है। शैक्षणिक और शोध पुस्तकालय अपनी सेवाओं और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों को अपना रहे है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता इसका मुख्य साधन है। पाठकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सक्रिय नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनाना होगा। यह उन्नत तकनीक पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए नए मार्ग खोलेगी। नए नवोन्मेषी पदों और भूमिकाओं को संभालने, वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें अप्रचलित होने से बचाने में मदद करेगी।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण पाठकों के लिए योग्य पुस्तकें, लेख और अन्य साहित्य सामग्री तेज़ी से ढूँढ़ना आसान बनाते हैं। मशीन लर्निंग के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमताएँ शैक्षणिक पुस्तकालयों में व्यक्तिगत शिक्षण अनुभवों के द्वार खोलती हैं। उपयोगकर्ताओं के व्यवहार और प्राथमिकताओं का विश्लेषण करके, पुस्तकालय व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर सुझाव और संसाधन तैयार कर सकते हैं। एआई साहित्यों के उपयोग पैटर्न का विश्लेषण करके और विशिष्ट संसाधनों की भविष्य की मांग का अनुमान लगाकर संग्रह विकास को अनुकूलित करने में मदद कर सकता है।
अनुक्रमण स्वचालन पाठकों को नई सामग्री खोजने, विशिष्ट और सटीक साहित्य सामग्री उपलब्ध कराकर और विभिन्न विषयों के बीच नेविगेट करने में भी एआई मदद करेगा, जो मैन्युअल अनुक्रमण के साथ आसानी से संभव नहीं है, जिससे पाठकों और कर्मचारियों का समय बचेगा। किसी एक विषय पर दस्तावेज़ों का मिलान करना या समान विषय, समाधान या घटना का वर्णन करने वाले अनुभाग जोड़ना संभव है। विषय से प्रासंगिक रूप से संबंधित हज़ारों दस्तावेजों की सामग्री की तुलना कर सकते हैं। दुनियाभर में इंटरनेट पर उपलब्ध साहित्यों में से एआई विषय अनुसार दस्तावेज को खोजकर उसका अध्ययन करके उसका डाटा पाठकों को जल्द प्रदान करता है। शोधपत्रों के वास्तविक पाठ पर आधारित एआई एल्गोरिदम वास्तविक शोध की बेहतर मानचित्रण प्रणालियाँ तैयार करेगा, जिससे शोधकर्ताओं के लिए यह सहायक साबित होंगे। किसी भी पुस्तक या लेखों का सारांशीकरण एआई की मदद से करना बेहद आसान प्रक्रिया है, बड़े-बड़े डेटा को यह छोटे-छोटे पैराग्राफ में उपलब्ध कर देता है।
एआई साधन नई पुस्तक, पत्रिका या अन्य साहित्य प्रकाशित होने पर अलर्ट साथ ही पाठकों को विशिष्ट पुस्तकालय संसाधनों तक निर्देशित कर सकते हैं। बार-बार दोहराए जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देने की झंझट खत्म होगी, दुहराव रुकेगा, समय की बचत होगी। पुस्तकालय के काम में गुणवत्ता बढ़ेंगी। शोध का सत्यापन या पुन: प्रयोज्यता उसके पाठकों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ठोस और मान्य शोध ही है जो व्यापक पाठकों का हकदार है। पुस्तकालय प्रक्रियाओं और डिजिटल संसाधनों में मशीन लर्निंग को लागू करने से संग्रह विश्लेषण, विज़ुअलाइज़ेशन और संरक्षण को अनुकूलित किया जा सकता है और सेवाओं के प्रावधान से जुड़ी लागतों को कम किया जा सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण उन्नत खोज क्षमताएँ प्रदान करके, प्रासंगिक संसाधनों की अनुशंसा कर डेटा विश्लेषण में सहायता द्वारा छात्रों और शोधकर्ताओं की मदद होती है। पुस्तकालयों में वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट का उपयोग काफी सामान्य हो गया है, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देकर मार्गदर्शन होता है, इससे संबंधित कर्मचारियों का काम आसान हो गया है।
एआई पुस्तकालय सेवाओं को बढ़ा सकता है और सतर्कता में सुधार कर सकता है, लेकिन यह एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह, डेटा सुरक्षा, कॉपीराइट संबंधी चिंताएँ और मानवीय संपर्क के संभावित विस्थापन के बारे में चिंताएं भी पैदा करता है। एआई से कोई भी तथ्य प्राप्त कर सकता है, लेकिन यह समझना कि उन तथ्यों का क्या अर्थ है, वे कैसे जुड़ते हैं, और क्या वे विश्वसनीय हैं, यहीं पर मानवीय विशेषज्ञता अमूल्य हो जाती है। एआई-संचालित स्वचालन पुस्तकालय कर्मचारियों और पाठकों के बीच मानवीय संपर्क को कम कर सकता है, जिससे पुस्तकालयों द्वारा उपयोग किए जाने वाले व्यक्तिगत समर्थन और मार्गदर्शन पर संभावित रूप से असर पड़ सकता है। एआई का उपयोग गलत सूचना उत्पन्न करने और झूठ फैलाने के लिए भी होने की संभावना है, जिससे सूचना के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में पुस्तकालय की भूमिका को चुनौती मिल सकती है। विश्व में मोबाइल और कंप्यूटर क्रांति मनुष्य के विकास के लिए हुई, लेकिन इस तकनीक के नुकसान भी देखने मिल रहे है। आज साइबर क्राइम, सोशल मीडिया एडिक्शन, ऑनलाइन फेक पहचान, पैसे लगाकर खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स, असहज करने वाले भड़काऊ विज्ञापन, ई-अपशिस्ट, रेडिएशन इससे हर साल अरबों डॉलर का नुकसान होता है, साथ ही बड़ी मात्रा में जानमाल, अमूल्य स्वास्थ्य व पर्यावरण की हानि होती है। इसी तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता से भविष्य में होनेवाले दुरूपयोग या संकटों को भी नकारा नहीं जा सकता।
पुस्तकालयाध्यक्ष पाठकों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें उच्च-गुणवत्ता वाली शोध सामग्री प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डिजिटल क्रांति ने निस्संदेह भौतिक भंडारण पर दबाव कम कर दिया है। पुस्तकालयों को स्वयं को निष्पक्ष और पारदर्शी ज्ञान प्रणालियों के संरक्षक के रूप में स्थापित करना होगा। खोज पुस्तकालयाध्यक्ष सारा जॉनसन बताती हैं कि एआई जानकारी खोज सकता है, लेकिन जब जटिल शोध विषयों के बारे में पूछा जाता है, तो केवल पुस्तकालयाध्यक्ष ही समझते हैं कि पाठक वास्तव में क्या चाहते हैं। एआई बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने में उत्कृष्ट है, जबकि पुस्तकालयाध्यक्ष सुचना आवश्यकताओं के संदर्भ, बारीकियों और मानवीय आयामों को समझने में उत्कृष्ट हैं। एआई सहानुभूति, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत सेवा जैसे मानवीय कारकों की पूरी तरह से जगह नहीं ले सकता।
आइए छात्रों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शोधकर्ताओं के लिए
कुछ महत्वपूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों और प्रौद्योगिकियों पर नज़र डालें।
- चैटजीपीटी :- ChatGPT एक एआई चैटबॉट है जिसका उपयोग विभिन्न कार्यों जैसे सामग्री निर्माण, कोडिंग, सूचना सारांश, वर्गीकरण, विश्लेषण, विज़ुअलाइज़ेशन आदि के लिए किया जा सकता है।
- क्लाउड :- Claude, एंथ्रोपिक द्वारा निर्मित एक अगली पीढ़ी का एआई सहायक है। क्लाउड रचनात्मक लेखन, कोडिंग और अधिक स्वाभाविक लगने वाले आउटपुट जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट है।
- जेमिनी :- Gemini, जिसे पहले बार्ड के नाम से जाना जाता था, गूगल द्वारा विकसित एक जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है।
- ओटर.एआई :- Otter.ai एआई मीटिंग सहायक का उपयोग मीटिंग्स को ट्रांसक्राइब करने, ऑडियो रिकॉर्ड करने, स्लाइड कैप्चर करने, एक्शन आइटम निकालने और रीयल-टाइम में मीटिंग नोट्स बनाने के लिए किया जाता है।
- लैंगचेन :- LangChain एक पायथन फ्रेमवर्क है जिसे एआई एप्लिकेशन डेवलपमेंट को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो रीयल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग और बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) के साथ एकीकरण पर केंद्रित है।
- लामा 2 :- Llama 2 मेटा एआई द्वारा विकसित एक चैटबॉट है, जिसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल मेटा एआई भी कहा जाता है। यह मानव इनपुट पर काम करने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) का उपयोग करता है और टेक्स्ट उत्पन्न कर सकता है, जटिल प्रश्नों के उत्तर दे सकता है, और उपयोगकर्ताओं के साथ स्वाभाविक और आकर्षक बातचीत कर सकता है।
- एलिसिट :- Elicit शोध पत्रों का अतिमानवीय गति से विश्लेषण करें। शोध पत्रों का सारांश तैयार करने, डेटा निकालने और निष्कर्षों को संश्लेषित करने जैसे समय लेने वाले शोध कार्यों को स्वचालित करें। शोधकर्ताओं की सहायता के लिए विभिन्न शैक्षणिक पत्रिकाओं में खोजें। स्वचालित साहित्य समीक्षा, कीवर्ड खोज में सहायक। फ़िल्टरिंग, उद्धरण अनुशंसा, साक्ष्य संश्लेषण। खोज क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पबमेड, जे-स्टोर और स्प्रिंगरलिंक के साथ एकीकृत।
- पेरप्लेक्सिटी :- Perplexity एआई एक संवादात्मक खोज इंजन है जो वेब से स्रोतों का उपयोग करके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) का उपयोग करता है और पाठ प्रतिक्रियाओं में लिंक उद्धृत करता है।
- स्टॉर्म :- Storm स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित स्टॉर्म लेखकों के लिए एक शक्तिशाली एआई उपकरण है जो इंटरनेट खोजों के आधार पर किसी भी विषय पर विस्तृत विकिपीडिया जैसे लेख बनाने के लिए एलएलएम का उपयोग करता है।
- रिसर्चरैबिट :- ResearchRabbit एक निःशुल्क ऑनलाइन उपकरण है जो शोधकर्ताओं को संबंधित प्रकाशनों को खोजने और उनके बीच संबंधों को देखने में मदद करता है।
- साइंटीई :- SciTE एक एआई-संचालित शोध उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को अकादमिक लेख खोजने और उनका मूल्यांकन करने में मदद करता है।
- साइस्पेस :- SciSpace एक एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म है जो शोधकर्ताओं को अपने काम को अधिक कुशलता से व्यवस्थित करने, लिखने और प्रकाशित करने में मदद करता है।
- को-पायलट-गिटहब :- Copilot-Github कोड जनरेशन
- ग्रैंड एआई (ग्रांट राइटिंग) :- Grand AI (Grant writing) एक प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण मॉडल जिसका उपयोग उच्च-गुणवत्ता वाले अनुदान प्रस्तावों को शीघ्रता और कुशलता से तैयार करने के लिए किया जा सकता है।
- हाइपरराइट.एआई (हाइपोथेसिस राइटिंग) :- Hyperwrite.ai (Hypotheses writing) हाइपरराइट एक एआई लेखन सहायक है जो विभिन्न प्रकार के लेखन कार्यों में सहायता कर सकता है।
- क्विलबॉट :- QuillBot एक एआई-सक्षम लेखन उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के लेखन कार्यों के लिए किया जा सकता है।
- माएस्ट्रा :- Maestra एक ऐसा उपकरण है जो एआई ट्रांसक्रिप्शन तकनीक का उपयोग करके साक्षात्कारों को ट्रांसक्राइब कर सकता है।
- चैटपीडीएफ :- Chatpdf एक एआई-सक्षम उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को चैट इंटरफ़ेस के माध्यम से पीडीएफ दस्तावेज़ों के साथ इंटरैक्ट करने की अनुमति देता है।
- गामा :- Gama एक एआई-संचालित उपकरण है जिसका उपयोग प्रस्तुतियाँ, दस्तावेज़ और वेबसाइट बनाने के लिए किया जा सकता है।
- डल्ला-ई :- DALLA-E एक एआई प्रणाली है जो प्राकृतिक भाषा के विवरणों से यथार्थवादी चित्र और कलाकृतियाँ बना सकती है।
- मिडजर्नी :- Midjourney एक एआई प्रोग्राम है जो टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के आधार पर चित्र बनाता है।
- इनवीडियो :- Invideo एक क्लाउड-आधारित वीडियो निर्माण उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को वीडियो बनाने में मदद करने के लिए एआई का उपयोग करता है।
- रनअवे :- Runaway, चित्र इनपुट के आधार पर वीडियो बनाएँ।
- सोरा :- Sora, ओपन एआई का वीडियो निर्माण मॉडल है, जिसे टेक्स्ट, चित्र और वीडियो इनपुट लेकर आउटपुट के रूप में एक नया वीडियो बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इलेवनलैब्स :- Elevenlabs वॉइस जेनरेटर - प्रीमियम टेक्स्ट-टू-स्पीच समाधान, यथार्थवादी एआई आवाज़ों के साथ सामग्री को जीवंत बनाता है।
- स्पीचीफाई :- Speechify एक टेक्स्ट-टू-स्पीच (टीटीएस) ऐप है जिसका इस्तेमाल कई तरह के कामों के लिए किया जा सकता है।
- सुनो :- Suno एक टेक्स्ट-टू-म्यूजिक जनरेटर है जो टेक्स्ट प्रॉम्प्ट से गाने बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करता है।
- सिंथेसिया :- Synthesia आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म का एक उन्नत रूप है जो टेक्स्ट को वर्चुअल कैरेक्टर्स वाले असली जैसे दिखने वाले वीडियो में बदल देता है।
टेक्नोलॉजी की दुनिया में एआई के कई नए उपकरण
लगातार आ रहे हैं और भविष्य में और भी उन्नत संसाधन आएंगे।
एआई
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी में से ही सूचनाओं को आवश्यकतानुसार छानकर प्रस्तुत करता
है। पुस्तकालयों को सभी पाठकों के लिए एआई संचालित सेवाओं को सुलभ बनाने का प्रयास
करना चाहिए, पुस्तकालयों को पुस्तकालय के मूल्यों के अनुरूप समाधान विकसित और कार्यान्वित
करने के लिए पुस्तकालयाध्यक्षों, प्रौद्योगिकीविदों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग
को बढ़ावा देना चाहिए। कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाते हुए, पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं
के मानवीय पहलू को बनाए रखने और बढ़ाने का भी प्रयास करना चाहिए। हालाँकि एआई पुस्तकालयों
के लिए कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए संभावित खतरों और चुनौतियों
का समाधान करना महत्वपूर्ण है। भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का असर बेहद तेजी से
मानवीय विकास में होगा यही मानकर हम इसका सदुपयोग करेंगे और पुस्तकालय उन्नत बनाने
में इसका योगदान अमूल्य साबित हो सकता है, केवल हमें इसके उपयोग में पारंगत, सतर्क
और जागरूक होना जरुरी है।








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