देश में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब भ्रष्टाचार की गंभीर घटनाओं की खबरें देखने पढ़ने सुनने को मिलती नहीं हो। हर क्षेत्र हर विभाग में कार्यरत अनेक कर्मचारी को भी पता होता है कि अनुचित कार्यपद्धति कहा पनपती है। अधिकतर जनता तो भ्रष्टाचार के बारे में सबकुछ जानकर भी मूक दर्शक की भूमिका निभाती है। अनेक विभागों में खुलेआम भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा हर काम का तय रेट बताकर नियमों का अमलीजामा पहनाया जाता है। हमारे यहाँ हर समस्या का जुगाड़ निकाला जाता है, रिश्वतखोरी के लिए भी नए-नए पैतरे आजमाए जाते है। भ्रष्टाचार देश में इस कदर फैल चुका है कि आनेवाली कई पीढ़ियों तक को इसकी गंभीर सजा भुगतनी पड़ेगी। किसी सार्वजनिक संवेदनशील फाइल पर एक भ्रष्ट अधिकारी की अनुचित अनुमति अनेक मासूमों के जिंदगी को मौत का फरमान सुना सकती है और अक्सर भ्रष्टाचार की बलि चढ़नेवाले अनेक भयावह दुखद हादसे देखने को मिलते है। बड़ी संख्या में सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र में भी सिफारिस और राजनितिक दबाव देखा जाता है।
भ्रष्टाचार करने वाला देश का गद्दार (Corrupter traitor of
the Country) :- उदाहरण के लिए मान
लो कि महाराष्ट्र राज्य के किसी सरकारी अनुदानित महाविद्यालय में अस्सिटेंट प्रोफेसर
के पद के लिए कोई उमेदवार 50-55 लाख रुपये देकर किसी ईमानदार और काबिल उम्मीदवार का
हक छीन कर खुद के लिए नौकरी पाता है, तो वह भ्रष्ट प्रोफेसर अपने पद पर आसीन होकर शिक्षक
जैसे पवित्र पद से, अपने पेशे से कैसे न्याय कर पायेगा, समाज में कैसे आदर्श स्थापित
करेगा और कैसे देश की सुसंस्कृत, काबिल विद्यार्थियों व सुजान नागरिकों की नयी पीढ़ी
का शिल्पकार कहलायेगा? जिंदगी भर के लिए ऐसे शिक्षक आने वाली कई पीढ़ियों को बर्बाद
करने का जिम्मेदार कहलाएंगे। जब ऐसे शिक्षक द्वारा शिक्षित पीढ़ी समाज के विविध क्षेत्रों
में कार्यरत होगी तब तो उसका दुष्परिणाम हर ओर नजर आएगा। जब एक पीढ़ी बर्बाद होती है तब पुरे देश, पुरे समाज
को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। अनेक दशक तक गुजर जाते है उच्च शिक्षित योग्य ईमानदार
उम्मीदवार द्वारा नौकरी के लिए संघर्ष करते करते, इनकी जिंदगी की मेहनत तो भ्रष्टाचार
की भेट चढ़ जाती है। यह तो सिर्फ एक क्षेत्र अंतर्गत एक विभाग की बात हुयी, अगर देश
के हर क्षेत्र का यही हाल हो तो देश की हालत कितने बुरे दौर से गुजरेगी। भ्रष्टाचार
से जिसका फायदा है वह खुश होता है, चाहे उसके वजह से कितनो को ही नुकसान हो जाये। हर
तरफ समस्याओं का अंबार लग जाता है, अपराध वृद्धि, संस्कारहीन दुर्व्यवहार, आर्थिक असमानता,
गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी सब भ्रष्ट प्रणाली की ही देन होती है।
सर्वदा सम्मान के साथ जीना (Live with dignity forever) :- एक ओर देश के वीर सपूत जवान अपने फर्ज के लिए, माटी के लिए, देश की रक्षा की खातिर जान न्योछावर कर देते है एवं अमर होकर सदा के लिए लोगों के दिलों में जिंदा रहते है और दूसरी तरफ रिश्वतखोरी के कीचड़ में लिपटा हुआ देश का भ्रष्ट कपूत अपनी माटी से गद्दारी करके देश को समस्याओं के अंधेरे कुएं में धकेलने के लिए ही कार्य करता रहता है। आज हमारे समाज में बहुत सारे वे भ्रष्टाचारी लोग है जिन्होंने देश के साथ धोखा करके, विकास में रुकावट पैदा करके रिश्वत के पैसों से अपनी आने वाली सात पुश्तों के लिए खूब दौलत जमायी है, लेकिन जो देश का दुश्मन वो इंसानियत का दुश्मन होता है, ऐसे देशद्रोही भ्रष्टाचारी को कभी माफ़ नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार द्वारा लोगों पर अत्याचार करके मजलूमों का हक छीन कर देश के गद्दार की जिंदगी जीने से अच्छा ईमानदारी से जनता के दिलो में अपने लिए सम्मान होना और सम्मान के साथ जीना।
भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने के लिए जागरूक रहें (Be aware to make a
Corruption free Country) :- भारत सरकार के
केंद्रीय सतर्कता आयोग यह लोक प्रशासन में भ्रष्ट और अनैतिक प्रथाओं को खत्म करने के
उद्देश्य से एक सामान्य और प्रभावी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने और प्रशासन से नागरिकों
की आकांक्षाओं के प्रति पारदर्शिता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, और जवाबदेही लाने के
लिए कार्य करता है। इनसे संपर्क करने के लिए टोल फ्री: 1800110180, 1964 पर कॉल कर
सकते है। इसके साथ ही राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग भी इस समस्या से लड़ने
के लिए सर्वदा तत्पर होते है, जैसे कि महाराष्ट्र राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग
से संपर्क करने के लिए +91 22-249-21212, टोल फ्री नंबर 1064, व्हाट्सएप नंबर
9930997700, ई-मेल आईडी acbwebmail@mahapolice.gov.in का उपयोग कर सकते है। भ्रष्टाचार यह अपने पद, समाज और देश के साथ सबसे
बड़ी गद्दारी है। खुद्दार और जिम्मेदार बनकर सर्वदा जागरूक रहें, देश के विकास में सहयोग
करें।
डॉ. प्रितम भी. गेडाम




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