गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

फर्जी वेबसाइटों द्वारा ऑनलाइन खरीद पर उपभोक्ता से धोखाधड़ी (राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस विशेष - 24 दिसंबर 2020)

आज के डिजिटल युग में, जहाँ ज्यादातर काम ऑनलाइन किया जाता है, सभी के पास स्मार्ट मोबाइल, कंप्यूटर, संसाधन आ गये है। एक पल में हम दुनिया के किसी भी कोने में संपर्क कर सकते हैं, व्यवहार कर सकते हैं, इसने जीवन को आसान बना दिया है। अब तो हर प्रकार की वस्तुएँ भी ई-कॉमर्स के रूप मे हमारे पास उपलब्ध हो गई है, आप जब चाहें तब ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं लेकिन इसके फ़ायदों के साथ-साथ कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। हर क्षेत्र की तरह, इस क्षेत्र में भी धोखाधड़ी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। शिक्षित उपभोक्ता के साथ भी ऑनलाइन धोखाधड़ी बड़े पैमाने पर होती हैं  हर साल यह धोखाधड़ी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, किसी उपभोक्ता का 500-800 तो किसी का 2-4 हजार तो किसी उपभोक्ता का 15-20 हजार से ज्यादा की धोखाधड़ी होती है, लेकिन ज्यादातर लोग इसके खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते हैं और चुप रहते हैं। इस धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सौ में से एकाध उपभोक्ता ही आगे आता है।

हर तरफ फैला फ्रॉड वेबसाइट का जाल :- आज हम इंटरनेट के माध्यम से एक क्लिक से दुनिया भर की जानकारी प्राप्त करते हैं लेकिन इनमें से अधिकांश वेबसाइटें झूठ, व्यवहारहीन और धोखे के लिए हैं जो सिर्फ दिखावा करती है, असल में कुछ नहीं होती। आजकल कोई भी दिखावे के लिए फेक वेबसाइट बनाकर उस पर लुभावने उत्पादों की बिक्री का झांसा देते है, वे बड़े-बड़े दावे करते हैं। दस-दस हजार रुपये की वस्तु सिर्फ पांच सौ में बेचने की बात करते हैं, 95% तक डिस्काउंट ऑफ़र दिखाते है लेकिन क्या मूल ब्रांड की वह वस्तु वास्तव में पाँच सौ में मिलती है? इस सप्ताह मैंने कुछ ऐसी ही 8-10 ई-कॉमर्स वेबसाइटों की खोज की, जो घरेलू उत्पाद वाली वस्तुएँ बेचते है, उन वस्तुओं के दाम भी बहुत कम दिखाए गए लेकिन जब मैंने उनसे संपर्क करने के लिए उनके द्वारा दिए गए नंबर पर कॉल किया तो सभी वेबसाइट के नंबर बंद बताये गये और वे ईमेल का जवाब भी नहीं देते, तो इनमें से कुछ ईमेल आईडी गलत दिए गए थे, इससे समझ मे आता है कि वास्तविक स्थिति क्या होगी, फिर भी हजारों उपभोक्ता हर दिन ऐसी वेबसाइटों पर खरीदारी करते हैं, फंसते है और धोखा खाते है। पिछले महीने मेरे एक मित्र ने नामांकित कंपनी की घड़ी बहुत ही सस्ते दाम पर एक ऐसे ही फर्जी वेबसाइट से खरीदी लेकिन जब वह वस्तु घर में आई, तो उस घड़ी के बजाय, घड़ी के बॉक्स में कचरा भरा मिला, अक्सर कई लोगों के साथ ऐसा होता है लेकिन लोग इस धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते हैं यही कारण है कि धोखाधड़ी का यह कारोबार इतना चल रहा है।

सोचें, समझें और फिर खरीदे :- एक बात हमेशा ध्यान रखें कि हमारी गलती का नतीजा ही हमारे साथ धोखा है, तो ऑनलाइन ख़रीददारी करते समय सावधान रहें, हमेशा शॉपिंग के लिए ई-कॉमर्स की प्रतिष्ठित वेबसाइटों से ही ख़रीददारी करें, भ्रामक विज्ञापनों से बचें, बिना सोचे समझे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, खासकर उन लिंक पर जो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। किसी उत्पाद के बहुत सस्ते या भारी छूट होने के पीछे का रहस्य जानने की कोशिश करें, व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें, सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी देने या साझा करने से बचें, ऑनलाइन वस्तु खरीदते समय नीति नियम, शर्तें जान लें, और उनकी ईमेल आईडी, संपर्क नंबर की जांच करें  साथ ही दिए गए पते को ऑनलाइन मैप से वेरीफाई करें, नई अनजान वेबसाइटों से उत्पाद खरीदने से बचें।

वेब एड्रेस यूआरएल ध्यान से देखें, सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन की जाँच करें, सभी पेमेंट विकल्प देखें, आजकल किसी प्रतिष्ठित कंपनी, बैंक या सरकारी वेबसाइट की हूबहू नकल करके फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगा जाता है, स्किम के तहत पैसे, भारी छूट या इनाम का लालच देकर फर्जी वेबसाइट लिंक ईमेल या मैसेज द्वारा भेजी जाती है। लालच बुरी चीज है, ऑनलाइन ख़रीददारी करते समय विशेष ध्यान रखें। ऑनलाइन भुगतान के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या बैंकिंग मोबाइल ऐप का उपयोग करें, इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिये एक सुरक्षित माध्यम का उपयोग करें, अच्छे सुरक्षित गुणवत्तापूर्ण ब्राउजर का उपयोग करें। इस तरह की सावधानी के बाद भी, अगर आप ठगे जाते हैं, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें।

जिम्मेदार बनें और जागरूक रहें  :- जब भी आप ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होते हैं तो याद रखें कि आपके न्याय के लिए प्रशासन और कई सहायक संगठन तैयार हैं, सबसे पहले, अपने देश के गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोटींग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ हेल्पलाइन नंबर 155260 को भेट दें और दिए गए निर्देशों के अनुसार अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें। यहां प्रत्येक राज्य के नोडल साइबर सेल अधिकारी और शिकायत अधिकारी का नाम, संपर्क नंबर, ईमेल आईडी दी गई है। इसके अलावा, हर शहर में पुलिस विभाग के तहत साइबर सेल होता है जहां से आपको मदद मिल सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक ग्राहक अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो।

उपभोक्ता अपने हक प्राप्ति हेतु शिकायत के लिए संपर्क करें :- देश का कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार के उपभोक्ता के स्वरूप में धोखा खाता है, तो न्याय के लिए संपर्क करें। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, केंद्र सरकार की वेबसाइट :- http://www.ncdrc.nic.in/   ईमेल आईडी :- ncdrc@nic.in संपर्क क्रमांक :- 01124608801. देश के सभी जिला स्तरीय उपभोक्ता मंचों की सूची :- http://www.ncdrc.nic.in/districtlist.html पर उपलब्ध है और जिससे आप अपने जिला फोरम से संपर्क कर सकते हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत) वेबसाइट :- http://nationalconsumerhelpline.in/ टोल फ्री नंबर :- 1800114000 या 14404 पर संपर्क करे, इसके अलावा मोबाइल ऐप्प और एसएमएस सेवा के माध्यम से भी संपर्क किया जा सकता है।

जागो ग्राहक जागो वेबसाइट :- http://www-jagograhakjago.com टोल फ्री नंबर :- 1800114424 और ईमेल आईडी :- jagograhakjagohelpline@gmail.com। कॉन्फोनेट (देश में उपभोक्ता मंचों का कम्प्यूटरीकरण और नेटवर्किंग) :- www.cms.nic.in यह ऑनलाइन वेबसाइट, ग्राहक से संबंधित सभी मामलों की अद्यतन जानकारी प्रदान करती है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986, उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987, भारतीय मानक ब्यूरो नियम, 1991, उपभोक्ता कल्याण निधि नियम, 1992, ग्राहक संरक्षण विनियम, 2005, उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2018, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 हैं। वस्तु खरीदते समय उसकी कीमत, उत्पाद निर्माण व समाप्ति की तारीख, नियम व शर्तें, उत्पाद मिश्र सामग्री, वजन और अन्य कारकों को ध्यान से देखें। यह आवश्यक नहीं है कि जो चीज सस्ती है वह अच्छी गुणवत्ता की नहीं है और यदि वह महंगी है तो वह अच्छी है, इस तथ्य का सबसे अच्छा उदाहरण जेनेरिक दवाएँ हैं, इसलिए केवल कीमत से उत्पाद की गुणवत्ता का न्याय न करें, बस जागरूक रहें और एक जिम्मेदार उपभोक्ता बनें।

डॉ. प्रितम भि. गेडाम

बनावट वेबसाइट वरून ऑनलाइन खरेदीने ग्राहकांची फसवणूक (राष्ट्रीय ग्राहक दिन विशेष - २४ डिसेंबर २०२०) Consumers are being cheated by online purchases from fake websites (National Consumer Day Special - 24th December 2020)


आजच्या डिजिटल युगात जिथे बहुतेक कामे ऑनलाईन केली जातात, प्रत्येकाकडे स्मार्ट मोबाईल, संगणक, संसाधने आहेत. एका क्षणात आपण जगाच्या कोणत्याही भागात संपर्क साधू शकतो, व्यवहार करू शकतो, यामुळे जीवन सोपे झाले आहे. आता ई-कॉमर्सच्या रूपात प्रत्येक प्रकारचा व्यवसायचा वस्तु आपल्यासाठी उपलब्ध आहेत, जेव्हा आपल्याला पाहिजे तेव्हा आपण ऑनलाईन खरेदी करू शकतो. परंतु त्याच्या फायद्यांसह, काही खबरदारी लक्षात ठेवणे देखील आवश्यक आहे. प्रत्येक क्षेत्राप्रमाणे या भागातही फसवणुकीचा व्यवसाय वाढत चालला आहे.  सुशिक्षित ग्राहकांची देखील ऑनलाईन फसवणूक मोठ्या प्रमाणात होत आहे. हा फसवणुकीचा व्यवसाय दरवर्षी वेगाने वाढत आहे, काहीचे 500-800, काहीचे 2-4 हजार, आणि काहीचे 15-20 हजारहुन जास्त पैशाने फसवणूक होत आहे परंतु बहुतेक लोक यावर कारवाई करीत नाहीत आणि गप्प बसतात. या फसवणूकीवर कारवाई करण्यासाठी शंभरातुन एकाद पुढे येतो.


फर्जी वेबसाइटचे जाळे सर्वत्र पसरले :- आज, आम्हाला इंटरनेटद्वारे एका क्लिकवर जगभरातील माहिती मिळते. परंतु यापैकी बर्‍याच वेबसाइट्स केवळ आर्कषण, देखावा आणि फसवणूकीसाठी आहेत जे फक्त चांगल्यापणाचा आव आणून खोटा देखावा करतात, जेव्हा की वास्तविक तसे काहीच घडत नसते. आजकाल, कोणीही बनावट वेबसाइट बनवून त्यावर अतीआर्कषक उत्पादनांच्या विक्रीचे आमिष दाखवतात. ते मोठे-मोठे दावे करतात. दहा-दहा हजार रुपयांची नामवंत कंपनीच्या वस्तु फक्त पाचशे रूपयात विक्रीचे सांगतात. 95% पर्यंत सवलतीच्या ऑफर दाखवितात, पण त्याच ब्रांडची ओरिजिनल वस्तु प्रत्यक्षात 500 रूपयांमध्ये मिळते का? या आठवड्यात मी अश्याच 8-10 ई-कॉमर्स वेबसाइट सर्च केल्यात जे घरगुती वस्तू विकतात, त्या वस्तूंच्या किंमतीही अगदी कमी असल्याचे दर्शविल्या गेले. पण जेव्हा मी त्यांच्याशी संपर्क साधण्यासाठी दिलेल्या नंबरवर कॉल केला तर त्या सगळ्या वेबसाइट वर दाखविण्यात आलेले संपर्क क्रमांक बंद होते आणि त्यानी मी केलेल्या ई-मेल ला सुद्धा प्रतिसाद दिला ​​नाही, तर त्यातील काही ईमेल आयडी चुकीचे दिले होते. आता यावरून समजून येते की सत्य परिस्थिती काय असणार. तरीही हजारो ग्राहक दररोज अशा वेबसाइटवर खरेदी करतात आणि त्यांची फसवणूक होते. मागील महिन्यात, माझ्या एका मित्राने अशाच एका बनावट वेबसाइट वरून नामांकित कंपनीचे घड्याळ अगदी स्वस्त किंमतीत विकत घेतले पण जेव्हा ती वस्तू घरी आली तेव्हा त्या घड्याळाऐवजी वॉच बॉक्समध्ये कचरा सापडला, बर्‍याचदा अनेक ग्राहकांसोबत असेच घडते परंतु लोक या फसवणूकी विरूद्ध कारवाईच करत नाहीत म्हणूनच हा फसवणूकीचा व्यवसाय इतका चालला आहे.

विचार करा, समजून घ्या आणि मग खरेदी करा :- हे नेहमी लक्षात ठेवा की आपल्या चुकीचा परिणामच आपल्यावर फसवणूक आहे, म्हणून ऑनलाइन खरेदी करताना सावधगिरी बाळगा, नेहमी शॉपिंगकरीता नामांकित ई-कॉमर्स वेबसाइटवरूनच खरेदी करा, दिशाभूल करणार्‍या जाहिराती पासून दूर रहा, विचार न करता कोणत्याही लिंकवर क्लिक करू नका, विशेषतः ते लिंक जे सोशल मीडियावर व्हायरल होतात. एखादे उत्पाद खूपच सूट किंवा खूपच स्वस्त असण्याचे रहस्य जाणून घेण्याचा प्रयत्न करा कारण कोणतीही कंपनी कमवायला बसली आहे, तेव्हा ती स्वतःचे नुकसान करून वस्तू कशाला विकेल. कोणालाही वैयक्तिक बँकिंग माहिती सामायिक करू नका, सोशल मीडियावर आपली वैयक्तिक माहिती सामायिक करणे टाळा, ऑनलाईन वस्तू खरेदी करताना धोरण अटी आणि शर्ती जाणून घ्या, त्यांचा ईमेल आयडी, संपर्क क्रमांक तपासा सोबतच ऑनलाईन मैपद्वारे दिलेला पत्ता सत्यापित करून बघा आणि नवीन अज्ञात वेबसाइटवरील उत्पादने खरेदी करणे शक्यतो टाळावे.

      दिलेला वेब पत्ता यूआरएल काळजीपूर्वक पहा, सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन तपासा, पेमेंट करण्याचे सर्व पर्याय बघून घ्या. आजकाल नामांकित कंपनी, बँक किंवा सरकारी वेबसाइटची कॉपी करुन हुबेहूब बनावट वेबसाइट बनवून ग्राहकांची फसवणूक केली जाते, नवनवीन स्किम अंतर्गत पैसे, प्रचंड सूट किंवा बक्षीस देण्याचे लोभ दाखवून बनावट वेबसाइट द्वारे लिंक, ईमेल किंवा संदेश पाठविला जातो. लोभ ही एक वाईट गोष्ट आहे, ऑनलाइन खरेदी करताना विशेष काळजी घ्या. ऑनलाइन पेमेंट करण्यासाठी नेहमी अधिकृत वेबसाइट किंवा बँकिंग मोबाइल अ‍ॅपचाच वापर करावा, इंटरनेटशी कनेक्ट होण्यासाठी एक सुरक्षित माध्यम वापरा, उत्कृष्ट सुरक्षित गुणवत्तापुर्ण ब्राउझरचा वापर करावा. अशा प्रकारच्या सावधगिरी नंतरही आपली फसवणूक झाल्यास त्वरित तक्रार नोंदवा.

जबाबदार बना आणि जागरूक रहा :- जेव्हा कधी आपण ऑनलाइन फसवणूकीचा सामना करता तर लक्षात ठेवा की प्रशासन आणि बर्‍याच समर्थक संस्था आपल्या न्यायासाठी सज्ज आहेत, प्रथम, आपल्या देशाच्या गृह मंत्रालयाचे नेशनल साइबर क्राइम रिपोटींग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ हेल्पलाइन नंबर 155260 ला भेट द्या, दिलेल्या सूचनांनुसार आपली तक्रार ऑनलाईन दाखल करा. येथे प्रत्येक राज्याचे नोडल सायबर सेल अधिकारी आणि तक्रार अधिकारी यांचे नाव, संपर्क क्रमांक, ईमेल आयडी दिले आहेत याव्यतिरिक्त, प्रत्येक शहरात पोलिस विभागांतर्गत सायबर सेल असतात जिथे आपल्याला मदत मिळू शकेल. प्रत्येक ग्राहकांना त्यांच्या हक्कांची माहिती असणे महत्वाचे आहे.

ग्राहकांनी त्यांचे हक्क मिळविण्यासाठी तक्रार नोंदविण्याकरीता संपर्क साधावा :- देशातील कोणत्याही नागरिकाची कोणत्याही प्रकारच्या ग्राहकांच्या स्वरूपात फसवणूक होते, तर कृपया न्यायासाठी संपर्क साधावे. राष्ट्रीय ग्राहक विवाद निवारण आयोग, केंद्र सरकारची वेबसाइट :- http://www.ncdrc.nic.in/   ईमेल आईडी :- ncdrc@nic.in संपर्क क्रमांक :- 01124608801. देशातील सर्व जिल्हास्तरीय ग्राहक फोरमची लिस्ट:- http://www.ncdrc.nic.in/districtlist.html या लिंकवर मिळते आणि आपण आपल्या जिल्हाच्या फोरमशी संपर्क साधू शकतो.

राष्ट्रीय ग्राहक हेल्पलाइन (भारत सरकारच्या ग्राहक व्यवहार, अन्न व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय अंतर्गत) वेबसाईट:- http://nationalconsumerhelpline.in/  टोल फ्री क्रमांक:- 1800114000 किंवा 14404 वर संपर्क करावा याचा व्यतिरिक्त शासनाचे मोबाईल अॅप सुद्धा आहे किंवा मैसेज द्वारे सुद्धा सेवा पुरविली जाते. राज्य ग्राहक तक्रार निवारण आयोग, महाराष्ट्र वेबसाईटः-https://grahak.maharashtra.gov.in हेल्पलाईन नंबर:- 022 40293000   ई-मेल आयडी:-  mah-sforum@nic.in यावर ग्राहक संपर्क करू शकतात. जागो ग्राहक जागो वेबसाईटः-http://www.jagograhakjago.com/ टोल फ्री क्रमांक:- 1800114424 आणि ईमेल आयडी:-jagograhakjagohelpline@gmail.com आहे.  कॉन्फोनेट (देशातील ग्राहक मंचचे संगणकीकरण आणि नेटवर्किंग):- www.cms.nic.in ऑनलाईन साईटवर ग्राहक संबंधित सर्व केसेसची अपडेट माहिती मिळते.

आपण ग्राहक म्हणून जागरूक असणे खूपच गरजेचे आहे आणि ह्यासाठीच शासनाने ग्राहकांचा हक्क संरक्षणाकरीता कायदे तयार केले आहेत सोबतच अनेक संस्था, परिषद, मंच/फोरम सुद्धा स्थानिक ते आंतरराष्ट्रिय स्तरावर ग्राहकांचा हक्कांसाठी काम करतात. ग्राहक संरक्षण कायदा, 1986, ग्राहक संरक्षण नियम, 1987, राज्य शासनाचे महाराष्ट्र ग्राहक संरक्षण नियम 1987, भारतीय मानक नियम ब्यूरो, 1991, ग्राहक कल्याण निधी नियम, 1992, राज्य शासनाचे महाराष्ट्र ग्राहक संरक्षण नियम 2000, ग्राहक संरक्षण विनिमय, 2005, ग्राहक संरक्षण विनिमय, 2018, ग्राहक संरक्षण कायदा, 2019 हे आहेत. वस्तु घेतांना किंमत, वस्तु निर्मितीची व समाप्तीची तारीख, अटी व नियम, वस्तु निर्मितीतील सामग्री, वजन व इतर गोष्टी काळजीपुर्वक निरखुन बघावे. प्रत्येक वस्तु स्वस्त असेल म्हणून ती निकृष्ट दर्जाचे असेल असे नसते आणि महाग असेल म्हणजे चांगलेच असेल असेही नसते याचे सर्वात चांगले उदाहरण म्हणजे जेनेरीक औषधी आहे म्हणून फक्त पैशाचा किमती वरूनच वस्तुचा दर्जा ओळखू नये. फक्त जागरूक व्हा आणि एक जबाबदार ग्राहक बना.

डॉ. प्रितम भि. गेडाम

बुधवार, 9 दिसंबर 2020

न्याय को खत्म करके समाज में गंभीर समस्याओं को जन्म देता भ्रष्टाचार (अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस - 9 दिसंबर 2020) Corruption creates serious problems in society by destroying justice (International Anti-Corruption Day - 9 December 2020)

 

किसी के हक, मेहनत, काबिलीयत का यश छीन लेना, अपने पद, सत्ता, अधिकारों, शक्ति का दुरुपयोग, निश्चित रूप से, एक गंभीर अपराध है और इस तरह के अपराध का परिणाम कई बार यह होता कि आम आदमी अपना जीवन तक खो देता है। रिश्वत के कारण हर साल सरकार को अरबों डॉलर का नुकसान होता हैं। समाज में भ्रष्टाचार मुख्य समस्या है जो अन्य गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। मनुष्य का स्वार्थ इतना बढ़ गया है कि वह खुद के अलावा किसी के बारे में नहीं सोचता है और यह भी नहीं समझता है कि अपने छोटे से लाभ के लिए समाज को कितना बडा धोखा दे रहा है। भ्रष्टाचार के कारण समाज में अमीर और गरीब के बीच की खाई चौड़ी हो रही है। गरीब और गरीब हो रहे हैं और अमीर अधीक अमीर हो रहे हैं। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो अपने जीवन में भ्रष्टाचार का शिकार न हुआ हो।

भ्रष्टाचार तब होता है जब कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ जाकर अपने स्वार्थ के लिए रिश्वत देकर अवैध तरीके से काम करता है। समाज में भ्रष्टाचार एक बहुत गंभीर समस्या है। यह समस्या पूरे समाज को खोखला कर रही है। हर क्षेत्र कम-अधिक मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है। समाज में हर कोई किसी न किसी रूप में इस समस्या से ग्रस्त है। आजकल हम समाचार पत्रों, न्युज चैनलों, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों द्वारा भ्रष्टाचार के बारे में नए घोटाले सुनते और पढ़ते हैं। यह भ्रष्टाचार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिष्टाचार, कानून, ईमानदारी, नैतिकता, कर्तव्यदक्षता, निस्वार्थ सेवाभाव को नष्ट कर रहा है।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र की युवा पीढ़ी भ्रष्टाचार का शिकार हो रही है। देश में पहले से ही घोटाले, सुशिक्षीत़ बेरोज़गारी, गरीबी, अशिक्षा, जातिवाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, बढती जनसंख्या, किसान आत्महत्या, प्रदूषण, जालसाज़ी, जमाखोरी, नौकरी व्यवसाय के नाम पर वित्तीय लेन-देन, खाने-पीने की चिजों मे घातक रसायनों का प्रयोग ऐसी अनेक गंभीर समस्यायें है और भ्रष्टाचार ऐसी ही गंभीर समस्याओं को बढ़ाने में मदद करता हैं। जब तक ऐसी समस्याओं का उन्मूलन नहीं किया जाता, समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। यह समस्या पूरी दुनिया में फैल गई है। पूरा समाज भ्रष्टाचार की इस समस्या में भागीदार है क्योंकि रिश्वत लेने और रिश्वत देनेवाले दोनों समान रूप से आरोपी है। साथ ही, चुपचाप अन्याय सहने वाला व्यक्ति भी उतना ही दोषी होता है। हर काम में पारदर्शिता लाना बहुत जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में, 15 पत्रकार मारे गए हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे थे। यह पता चला कि अन्य देशों की तुलना में भारत में पत्रकारों पर हमले ज्यादा किये जाते है। महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों में कई आरटीआई कार्यकर्ता मारे गए हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अन्याय के खिलाफ विद्रोह में अपना जीवन खो दिया। अंतरराष्ट्रीय एनजीओ कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के अनुसार, महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों में 60 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है। यह आंकड़ा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है, जो बताता है कि महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार विरोधी गतिविधियों में सबसे ज्यादा घटनाएँ होती हैं।

शिक्षा का बढ़ता बाज़ारीकरण

     भले ही ऐसा लगता है कि इन दिनों समाज में हर जगह शैक्षिक संस्थानों की बाढ आ गई है, लेकिन दुनिया में भारत की शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक नहीं है। महंगी शिक्षा प्रणाली माता-पिता पर दबाव डालती है और शैक्षिक संस्थानों में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। आज के परिवेश में, आम आदमी के लिए व्यावसायिक और उच्च शिक्षा को वहन करना संभव नहीं है। नर्सरी से उच्च शिक्षा तक, माता-पिता अपने बच्चों के लिए उच्च शुल्क देते हैं और महंगी निजी कोचिंग क्लासेस बढ़ रही हैं। हम हमेशा सुनते हैं कि स्कूलों और कॉलेजों में भर्ती के नाम पर लाखों रुपये का आदान-प्रदान किया जाता है। अब भगवान ही जाने कि जों शिक्षक आर्थिक व्यवहार का भ्रष्टाचार करके पद पर आसीन हुए है वो समाज के सामने क्या आदर्श स्थापित करेंगे और वे छात्रों के भविष्य को कैसा सवारेंगे।

भारत में भ्रष्टाचार विरोधी कानून

  • भारतीय दंड संहिता 1860
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988
  • बेनामी विनिमय निषेध अधिनियम
  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002
  • आयकर अधिनियम, 1961 की शिकायत अनुभाग
  • भ्रष्टाचार निवारण संशोधक अधिनियम 2018

भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय योजनाएँ

  • अगर हम देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले ईमानदार लोगों का समाज बनाना होगा। यह अच्छे विचारशक्ति, माता-पिता व गुणवत्ता शिक्षकों के लोगों द्वारा दी गई शिक्षासंस्कार के कारण ही संभव होगा, इसलिए बच्चों को बचपन से ही सच्चाई, न्याय और ईमानदारी का पाठ पढाया जाना चाहिए।
  • अक्सर हमारी आंखों के सामने भ्रष्टाचार होते हुए दिखता है लेकिन हम इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं जबकि हम भी इसके शिकार हो सकते है, इसलिए सभी नागरिकों मे इसके प्रती जागरूकता आनी बहुत जरूरी हैं
  • कानून की जटिलताओं को सरल भाषा में समझाया जाना चाहिए ताकि आम आदमी अपने कर्तव्यों और अधिकारों से अवगत हो सके। भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में शुरुआत में हमें थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन अगर हम देश या समाज के बारे में सोचते हैं, तो हम महसूस करेंगे कि हमारा स्वार्थ देश के सामने कुछ भी नहीं है क्योंकि समाज, राष्ट सर्वोच्च है, समाज का विकास ही हमारा विकास है और हमें दूसरों को वंचित करने का हमें कोई अधिकार नहीं है।
  • सरकारी अधिकारी की ज़िम्मेदारी है कि वह जिस पद पर काम कर रहा है, उसकी प्रतिष्ठा बनाए रखे, उसे काम करते समय किसी भी तरह के प्रलोभन का शिकार नहीं होना चाहिए और सिर्फ न्यायसंगत काम करना जारी रखना चाहिए क्योंकि सरकारी कर्मचारी की एक छोटी सी गलती भी कई लोगों के कीमती जीवन को नष्ट कर देती है।
  • सरकारी कार्यप्रणाली में पुर्णंत पारदर्शिता होनी चाहिए ताकि लोगों को सरकार के काम के बारे में पूरी जानकारी मिले और मीडिया को हमेशा निष्पक्ष, निडर और मजबूती से केवल सच्चाई के लिए काम करना चाहिए।
  • रिश्वतखोरी पर एकदम सख्त कानून होने चाहीए, तभी भ्रष्ट लोग कानून से डर सकते हैं, कोर्ट का फैसला जल्द से जल्द लगना चाहिए।
  • सभी को मानवता, ईमानदारी, समाज के प्रति कर्तव्य और ज़िम्मेदारी के प्रती जागरूक होना चाहिए।

जिस दिन मैं और मेरे परिवार की जगह मेरे समाज और मेरे देश की भावना हमारे मन में बैठ जायेगी, यह देश स्वतः ही भ्रष्टाचार से मुक्त होकर विकास की ओर अग्रसर हो जाएगा और कोई भी ऐसे देश को दुनिया में सबसे विकसित देश बनने से नहीं रोक सकेगा।

“उठों, जागों, स्वाभिमान जगाओं! समाज से भ्रष्टाचार को मिटाने की शपथ लों”।

डॉ. प्रीतम भि. गेडाम