पुस्तकालय का मुख्य उद्देश्य जानकारी प्राप्त करना है और इसे सीमित समय में उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध कराना है लेकिन समय के साथ सूचना प्राप्त करने और प्रदान करने के संसाधन भी काफी बदल गए हैं। पुस्तकालयों को इन प्रौद्योगिकियों की आवश्यकताओं और महत्व को समझने की आवश्यकता है ताकि उन्हें उपलब्धियों में परिवर्तित किया जा सके। प्रौद्योगिकी में मुख्य रूप से कैलकुलेटर प्रौद्योगिकी, संचार प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं। नई प्रौद्योगिकी की मांग के समय पारंपरिक पुस्तकालयों में पुस्तकालयों और संगठनात्मक परिवर्तन के लिए कैलकुलेटर का उपयोग एक चुनौती बन गया है। पुस्तकालयों की जिम्मेदारी अब बढ़ गई है। आप अपने कला कौशल के माध्यम से गुणों को आत्मसात करके विकास के नए अवसरों में विश्व मंच पर नए आयाम स्थापित करने के लिए उत्पन्न होने वाली नई चुनौतियों को सुअवसर मे परिवर्तीत कर सकते हैं।
पुस्तकालय सूचना विज्ञान शिक्षा की चुनौतियाँ
- अधिकांश पुस्तकालय सूचना विज्ञान महाविद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण प्रणाली का अभाव है।
- देश के विकास में पुस्तकालयध्यक्षो के भुमिकाओ की नितीनियमो की सराहना की कमी।
- पुस्तकालय सूचना विज्ञान कार्यक्रम में मानकीकरण का अभाव।
- पुस्तकालय सूचना विज्ञान महाविद्यालयों में उपलब्ध कम गुणवत्ता वाले तकनीकी उपकरण।
- पुस्तकालय सूचना विज्ञान शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता शिक्षकों की कमी है। इन शिक्षकों को अद्यतित रखने की आवश्यकता है।
लाइब्रेरी प्रोफेशनल्स की चुनौतियां
- पुस्तकालय व्यवसायीयों को सूचना के समग्र प्रबंधन में विशेषज्ञ बनने की आवश्यकता है।
- पुस्तकालय प्रमुख को बदलते यांत्रिक वातावरण में भंडारण के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा।
- आज के आधुनिक समय में जब ऑनलाइन संसाधन तेजी से फैल रहे हैं, पुस्तकालय प्रमुख को विपणन प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
- लाइब्रेरी व्यवसायीयों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे तकनीकी-आधारित सूचना उपकरणों और तकनीकी युग में सेवाओं के लिए अपनी क्षमता को समझें।
- सूचना व्यवसायीयों को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वे अपने नए कार्य की स्थितियों के अर्थ को सही ढंग से समझ सकें।
- सूचना व्यवसायीयों को अब संग्रह प्रबंधक के बजाय एक ज्ञान प्रबंधक होने की आवश्यकता है क्योंकि उनके पास सूचना प्रणाली के लिए भंडारण योजनाओं के चयन, विश्लेषण और सहायता करने का कौशल होना चाहिए।
- आज के यांत्रीक युग में, उपयोगकर्ता की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए, लाइब्रेरियन को व्यावसायिक विधियों, प्रौद्योगिकी और उपकरणों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उपयोगकर्ता अपनी जानकारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एकदम सही और सटीक ज्ञान प्राप्त करने हेतु खोज तकनीक, प्रक्रिया, डेटाबेस गुणवत्ता, डेटाबेस विकास और डेटाबेस प्रणाली की ओर बढ़ता है, जिसके लिए उपयोगकर्ता को सूचना साक्षरता के बारे में पता होना चाहिए। पुस्तकालय सूचना विज्ञान के क्षेत्र में, उपयोगकर्ता के लिए हमेशा नवीनतम चीजों के साथ अद्यतित रहना आवश्यक है। इसके लिए यह आवश्यक है कि पुस्तकालयध्यक्ष को प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनारों, कार्यशालाओं, कार्यशालाओं, सेमिनारों, पुस्तक प्रदर्शनियों आदि में उपयोक्ताओं की विशेष भागीदारी की व्यवस्था करनी चाहिए।
शैक्षणिक पुस्तकालय व्यावसायीको की भविष्य मे बदलती भूमिका
अद्यावत वेब प्रौद्योगिकी और ई-लर्निंग वातावरण में, लाइब्रेरियन को परिवर्तनीय भूमिका निभानी होगी ताकि वह अपने कौशल द्वारा उभरती चुनौतियों का आसानी से सामना कर सके, इसलिए पुस्तकालय में प्रौद्योगिकी कौशल, सरलीकरण, संचारण, अत्याधुनिक प्रशिक्षण, प्रबंधकीय कौशल आदि का महत्व बढ़ गया है।
नई प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ, इसका उपयोग लगातार बढ़ रहा है। दुनिया भर में प्रौद्योगिकियों के माध्यम से मानव की पहुंच हर क्षेत्र में बढ़ी है। इसी प्रकार, पुस्तकालय तकनीक में नई तकनीकें भी तेजी से विकसित हो रही हैं यदि इन उन्नत तकनीकों का उपयोग पुस्तकालय व्यवसाय में नहीं किया जाता है, तो यह इस क्षेत्र के लिए एक चुनौती बनकर उभरेगा और हम वैश्विक स्तर पर पीछे रह जाएंगे। वैसे भी, प्रौद्योगिकी सुविधा के लिए है और उपयोगकर्ता की मांग और पूर्ति को समझने के लिए इन तकनीकों के माध्यम से लाइब्रेरियन हेतु सुअवसर है ताकि लाइब्रेरियन सभी प्रकार के विश्व स्तर के पहलुओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।पुस्तकालयध्यक्षो ने इन नई तकनीकों को चुनौतीयाॅं न समझकर आधुनिक युग के डिजिटल वातावरण में प्रगति के नए अवसरों के रूप में समझना चाहिए।
पुस्तकालय सूचना विज्ञान व्यवसायीको के क्षेत्र मे सुअवसर के लिए निम्न सुझाव एंवम सिफारिश
- डिजिटल वातावरण में काम करने के लिए तकनीकी कौशल, यांत्रिक प्रौद्योगिकी कौशल, प्रबंधकीय कौशल और संचार कौशल हासिल करना।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संघों को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की व्यवस्था के लिए सिफारिशें देनी चाहिए।
- इस तकनीकी डिजिटल युग के अनुरूप अधिकतम रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए पुस्तकालय सूचना विज्ञान पाठ्यक्रम का पुनर्गठन किया जाना चाहिए।
- नए अधिनियम और एक उच्च स्तरीय प्रत्यायन समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि पुस्तकालय सूचना विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त की जा सके।
- प्रत्येक पुस्तकालय को सूचना विज्ञान महाविद्यालयों और विभागों में तकनीकी सुविधाओं को अनिवार्य करना चाहिए।
- पुस्तकालयध्यक्षो को पुस्तकालय मे डिजिटल वातावरण के अनुसार तकनीकी कौशल और प्रौद्योगिकी को बनाए रखने के लिए हमेशा निजी कॉलेजों के संस्थापकों और प्राचार्यों द्वारा विशेष तत्परता दिखानी चाहिए।
- निजी कॉलेजों के संस्थापकों को पुस्तकालय में आवश्यक कर्मचारियों की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उपयोगकर्ता को सही समय पर उचित सेवाएं प्रदान की जा सकें, न कि पुस्तकालय केही कर्मचारीयो को पुस्तकालय के बाहर अन्य गतिविधियों में लगाया जाए।
- कॉलेजों और शिक्षासंस्थानों के संस्थापकों को पुस्तकालय में यांत्रिक प्रौद्योगिकी और विकास के लिए आवश्यक निधी की व्यवस्था करनी चाहिए, साथ ही गुणवत्ता के विकास के लिए यूजीसी, नॅक, एनबीए जैसे आयोगों द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
डाॅ. प्रितम भि. गेडाम

